वाराणसी। डीएवी पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग द्वारा गुरुवार को नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के लिए ‘हिन्दी साहित्य : अध्ययन की आवश्यकता और संभावनाएं’ विषय पर दिशा निर्देश कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्व. पी.एन. सिंह यादव स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ में सहायक आचार्य डॉ. सुशील कुमार मिश्रा ने कहा कि हिंदी सिर्फ एक विषय नही है अपितु हिन्दी आत्मीयता का बोध कराने वाला संवेदनशील विषय है। जीवन जब निराशा के भाव से घिर जाता है तो हिन्दी साहित्य ऊर्जा का संचार करती है और तर्कशील बनाने में मदद करता है। हिन्दी सामाजिक चुनौतियों का चित्रण कर हमें यह सिखाता है कि जीवन मे कितना झुकना है। उन्होंने कहा कि हिन्दी मनुष्य बने रहने की कला भी सिखाता है। डॉ. सिंह ने बताया कि हिन्दी के विद्यार्थियों के लिए भविष्य के द्वार हमेशा खुले हुए है, हिन्दी मे अध्ययन करने वाले विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र के अलावा पत्रकारिता, राजभाषा अधिकारी, लेखन, फ़िल्म, विज्ञापन आदि क्षेत्रों में व्यापक अवसर तलाश सकते है। इस मौके पर उन्होंने लोकगीत ‘तू इंसान बनकर देख’ सुनाया। डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने ‘मेरा गाँव किसी जन्नत से कम नही’, ‘आया हूं शहर पढ़ने’ आदि गीत सुनाकर सबको मोहित कर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. राकेश कुमार राम ने किया। स्वागत उपाचार्य प्रो. समीर कुमार पाठक, संचालन डॉ. विश्वमौली एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीलम सिंह ने दिया। इस मौके पर प्रो. मिश्रीलाल, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. अस्मिता तिवारी आदि उपस्थित रहे

 

*इको वॉइस में हुई हाइड्रोजन इकोनॉमी पर चर्चा*

 

वाराणसी। डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के छात्र मंच ‘इको वॉइस’ के तत्वावधान में गुरुवार को इकॉन लैब में हाइड्रोजन इकोनॉमी पर चर्चा हुई। एम.ए अर्थशास्त्र के विद्यार्थी अमन जिज्ञासु ने कहा की हाइड्रोजन के विभिन्न उपयोग दिखलाई पड़ रहे है, लेकिन ग्रीन हाइड्रोजन का प्रयोग अधिकतम बढ़ाने की जरूरत है। उत्सव पाण्डेय ने कहा कि आज देश मे स्थापित बड़ी इंडस्ट्री ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन की ओर बढ़ रही है उसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, गेल, एल एन टी जैसी कंपनियां शामिल है। ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को भी ऊँची उड़ान देने की क्षमता रखता है।

अध्यक्षीय संबोधन विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार मिश्रा ने दिया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. आहुति सिंह एवं डॉ. शालिनी सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ. मयंक कुमार सिंह, डॉ. पारुल जैन, डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. उदयभान सिंह आदि उपस्थित रहे।

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