वाराणसी। डीएवी पीजी कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग के छात्र मंच डायलेक्टिका के तत्वावधान में ‘सिविल सेवा परीक्षा में नीतिशास्त्र का महत्व’ विषय पर दो दिवसीय अन्तरमहाविद्यालयी भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में आसपास के महाविद्यालयों के 50 से अधिक छात्र – छात्राओं ने प्रतिभाग किया। शुक्रवार को विजेताओं के नाम घोषित किया गया उनमें प्रथम तथा द्वितीय पुरष्कार, क्रमशः डी ए वी पीजी कॉलेज के छात्र शिवांग पाल तथा अनिकेत कुमार सिन्हा को प्रदान किया गया एवं तृतीय पुरष्कार महिला महाविद्यालय की छात्रा कुमारी श्वेता यादव को मिला। विजेताओं को महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल जी ने प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रो. सत्यगोपाल जी ने कहा कि

नैतिकता इंसान को हर परिस्थिति में सदैव उचित दिशा प्रदान करती है। बिना नैतिक ज्ञान के व्यक्ति का चारित्रिक उत्थान सम्भव नही है, सिविल सेवाओं में भी सफलता पाने में नैतिक शिक्षा का महत्व कमतर नही आंका जा सकता है।

कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजय कुमार सिंह ने सिविल सेवा में नैतिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में लोकसेवा में नैतिकता की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक ऐसा अस्त्र है जो लोक सेवक को सदैव अपनी भूमिका के प्रति जागरूक करता है तथा उचित अनुचित में भेद करने का कौशल प्रदान करता है। प्रतियोगिता में शामिल अन्य प्रतिभागियों को भी पुरस्कार स्वरूप प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. सतीश कुमार सिंह, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा, डॉ. रामेंद्र सिंह, डॉ. संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी, डॉ. विश्रुत द्विवेदी ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन बी.ए. के छात्र कुमार सत्यम एवं अभिज्ञान कश्यप ने किया।

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