
रिपोर्ट उपेन्द्र कुमार पांडेय, आजमगढ़
आजमगढ़।भारतीय सनातन धर्म में होली से पूर्व के 8 दिन अशुभ माने गए हैं, क्योंकि इस दौरान होलाष्टक होते हैं. होलाष्टक में सारे ग्रह अशुभ हो जाते हैं
ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्लने बताया की देशभर में होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है, लेकिन इससे आठ दिन पहले यानी फाल्गुन अष्टमी से होलाष्टक लग जाते हैं. होलाष्टक को अशुभ माना गया है, यही वजह है कि होलाष्टक में 16 संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है.
इस वर्ष होलाष्टक 17 मार्च 2024 से 24 मार्च2027 तक रहेंगे. धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक में वरदान भी बेकार साबित हो जाते हैं.
आखिर क्यों होलाष्टक के 8 दिन होते हैं अशुभ, किस दिन कौन सा ग्रह डालता है अशुभ प्रभाव जानें
धर्म शास्त्र तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के समय सभी 8 ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है. ऐसे में शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की ये स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है. इस दौरान मांगलिक कार्य करना या किसी नए काम की शुरुआत करने से उसमें सफलता नहीं मिलती, तमाम तरह की रुकावटें आती हैं ग्रहों के निर्बल होने से मनुष्य की निर्णय क्षमता क्षीण हो जाती है. इस कारण मानव समाज अपने स्वभाव के विपरीत फैसले कर लेता है जीवन में बीमारी, क्लेश और यहां तक की अकाल मृत्यु का साया भी मंडराने लगता है.
पौराणिक कथा के अनुसार होली से आठ दिन पूर्व हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रहलाद की विष्णु जी की भक्ति को भंग करने के लिए कई तरह से प्रताड़ित किया था. होलाष्टक ये 8 दिन यातनाओं के दिन माने जाते हैं. होलाष्टक में ग्रह भी अशुभ प्रभाव डालते हैं, यही कारण है कि होलाष्टक में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, कोई भी नया कार्य मांगलिक कार्य हवन या नया निवेश भी नहीं करना चाहिए. इसके परिणाम अशुभ होते हैं.
ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ला -70 1748 66 39
