गिरिजन का सम्मान बढ़ाया

 

साम्राज्य पट्टाभिषेक उत्सव का पांचवां दिन 

 

वाराणसी ! मानसरोवर स्थित श्री राम तारक आंध्र आश्रम में चल रहे पट्टाभिषेकम उत्सव के रामायण परायण क्रम में शनिवार को किष्किंधा कांड पाठ पूर्णता को प्राप्त हुआ।

उत्सव की यज्ञशाला में पांचवें दिन आहुतियां बाली, सुग्रीव, हनुमान, अंगद आदि वानर यूथ प्रमुखों के नाम समर्पित की गई

उत्सव के मुख्य आचार्य उलीमिरी सौम्याजुलू ने प्रवचन सत्र में किष्किंधा कांड के पारायण का महत्व बताया कहा कि श्री राम का वन गमन विधि का विधान था विधाता की योजना के तहत ही श्री राम सुग्रीव का मिलन हुआ।इस प्रसंग विशेष के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने सामाजिक समता का संदेश दिया उस युग में वनवासी गिरीवासी जानो को समाज राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ने का यह प्रथम प्रयास था ।

उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयत्न आज भी उतने ही प्रासंगिक है उत्सव व अनुष्ठान के मुख्य कर्ता वह आश्रम के प्रबंध न्यासी वी वी सुंदर शास्त्री ने बताया कि रामनवमी पर्व को आश्रम के रामालय में आयोजित श्री राम जानकी विवाह उत्सव में सैकड़ो सौभाग्यवती (सुहागिन) महिलाएं वधू स्वरूपा देवी जानकी का कुमकुम अर्चन करेगी इस लोकाचारी रीति में शामिल होने के लिए आंध्र व तेलंगाना से भी बहुत सी नेमी महिलाएं काशी पहुंची है।

उत्सव के सभी कार्यक्रमों का संयोजन आश्रम के प्रबंधक वी वी सीताराम ने किया।

इस कार्यक्रम मुख्यरूप से नारायण मूर्ति,चेनुलू,श्रीमती राजरत्नम,श्रीमती रामावती, श्रीमती वेमुरी उमा आदि लोग उपस्थित रहे।

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