वाराणसी।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा करते हुए प्रत्येक नागरिक को भय व स्वार्थ से मुक्त होने तथा मानवता की रक्षा हेतु निरंतर प्रयत्नशील रहने के लिए प्रेरित किया ।इसी क्रम में महात्मा गांधी के विराट व्यक्तित्व एवं राष्ट्रीय अवदान को भी स्मरण किया तथा पूर्व प्रधानमन्त्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी के जयंती पर कहा कि भागीरथी के तट पर जन्म लेने वाले शास्त्री जी माँ गंगा की तरह निर्मल और शीतल रहे सदैव जनहित मे समर्पित रहे।

उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती एवं अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय परिसर स्थित महात्मा गाँधी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा जी ने व्यक्त किए।

कुलपति प्रो शर्मा ने महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमन्त्री/राष्ट्र रत्न श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा करते हुये कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनके आदर्श व्यक्तित्व और अनमोल विचारों को याद करना हमेशा प्रेरणादायक होता है। उनके नेतृत्व में हुए कृषि आंदोलन ने देश में खाद्य उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि की, जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर बन सका ।शास्त्री जी ने श्वेत क्रांति के माध्यम से देश में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाया, जिससे हमारे देश की दुग्ध उत्पादन में विशेष योगदान हुआ। उनका प्रसिद्ध नारा “जय जवान, जय किसान” आज भी हमें सैनिकों और किसानों के महत्व की याद दिलाता है।लाल बहादुर शास्त्री के कुछ अनमोल विचार जो हमें जीवन में आत्मसात करने चाहिए।

कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमन्त्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती आत्मनिर्भर भारत एवं निष्ठा, ईमानदारी की तरफ प्रेरित करती है, स्वंय उनके आदर्श व्यक्तित्व को आत्मसात करें।

मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर रामपूजन पांडेय ने गांधी प्रतिपादित आदर्श जीवन के सूत्रों की व्याख्या तथा सत्य और अहिंसा के रूप में स्थापित उनके मानकों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।

साहित्य विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार पाण्डेय ने महात्मा गांधी के विशिष्ट व्यक्तित्व को धर्म रक्षक का स्वरूप देते हुए उनके विलक्षण व्यक्तित्व को इंगित किया।

प्रो महेंद्र पाण्डेय जी ने ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महात्मा गांधी के विश्व राजनीति पर पड़ने वाले प्रभाव एवं उनके सिद्धांतों तथा व्यवहार पक्षों का समयसामयिक दृष्टिकोण से प्रकाश डाला तथा मनसा वाचा , कर्मणा तीनों प्रकार के अहिंसा स्वरूप की व्याख्या भी विस्तार से प्रतिपादित की ।

निदेशक प्रकाशन संस्थान डॉ पद्माकर मिश्र ने सम्पूर्ण कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन किया।

दोनों महापुरुषों के जयंती के अवसर पर कुलपति, कुलसचिव एवं आचार्यों के द्वारा उनकी याद में वृक्षारोपण किया गया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के आचार्य प्रो महेंद्र पाण्डेय,डॉ विजय कुमार पाण्डेय,डॉ पद्माकर मिश्र कर्मचारी एवं छात्रगण उपस्थित रहे।

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