
75% उपस्थिति अनिवार्य, नहीं तो परीक्षा निरस्त : कुलाधिपति का सख्त संदेश
71 हजार विद्यार्थियों को मिली उपाधि, 101 ने पहना स्वर्ण का ताज
काशी विद्यापीठ दीक्षांत समारोह
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 47वां दीक्षांत समारोह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में केजीएमयू की पूर्व कुलपति प्रो. सरोज चूड़ामणि, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यमंत्री रजनी तिवारी, कुलपति प्रो. ए.के. त्यागी सहित छह विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे। समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान, माल्यार्पण और कुलगीत के गायन से हुआ। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि “विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने का संस्थान नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की चेतना जगाने का केंद्र है।” उन्होंने कहा कि छात्रों में अनुशासन, उपस्थिति और अध्ययन की गुणवत्ता बनी रहनी चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्र की बुनियाद को मजबूत करता है।
कुलाधिपति ने सख्त निर्देश दिया कि 75 प्रतिशत उपस्थिति न होने पर विद्यार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित नहीं किया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दीक्षांत समारोह में कुल 71,243 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई, जबकि 101 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। विशेष रूप से आकांक्षा और अक्षत को दो-दो स्वर्ण पदक व चेतावनी पदक से नवाजा गया। दीक्षांत में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और गरिमामय बना दिया। पूरा समारोह राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और उत्साह से ओत-प्रोत नजर आया।
