वाराणसी।गीत, गज़ल और छंद के साथ कहानी, लघु कथाएँ तथा पत्र -पत्रिकाओं में अपनी लेखन कला से पहचान बना चुके श्री दिनेश चंद्र जिनको हम प्यार से चंद्रा साहब कहते हैं, बहुत ही सरल, सहज और सरस स्वभाव के कवि और समाज सेवी हैं I

हिंदी के प्रति अपार स्नेह और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पूर्व मध्य रेल, डी डी यू मंडल द्वारा वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी श्री चंद्रा साहब को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

पूर्व मध्य रेल, डी डी यू मंडल से सेवा निवृत श्री चंद्रा साहब जहां संत कबीर और रैदास की पावन नगरी काशी के विद्वत मंडली की शान, स्वभिमान और सम्मान हैं,वहीं चंद्रा साहित्य परिषद (ट्रस्ट) की पहचान हैं I

चाय सुप्रभात और आज का रात्रि गीत तो अविरल गति से चलते रहने से आप अपने चाहने वाले सभी कवि मित्रों के दिलो दिमाग में बस गए हैं I

चंद्रा साहित्य परिषद (ट्रस्ट) के पटल पर प्रस्तुत आपके विभिन्न विषयों पर लिखे गए आलेख साहित्यिक,कला और भाव पक्ष में अपने आप में परिपूर्ण हैं I

चंद्रा साहित्य परिषद के कार्यक्रमों में जहाँ भी कुछ कमी लगती है, आप बेझिझक मार्गदर्शन करते हैं और एक सशक्त एवं सजग प्रहरी की तरह हम सबको जगाते रहते हैं I

कौन है अपना कौन पराया कोई विभेद नहीं है, अपना बनाने का जादूगर अगर आपको कहा जाए तो अतिष्योक्ति नहीं होगी I

आज एक ओर जहाँ आपकी पहचान एक प्रखर वक्ता के रूप में है,वहीं आपकी विद्वता और साहित्य के प्रति विशेष अनुराग को देखते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के सभी जिलों के मुख्य साहित्यिक संस्थाओं में प्रमुखता से आपको सर्वोपरि पद से विभूषित किया जाता है I

आप की योग्यता, वाचन दक्षता ,विभिन्न पत्रिकाओं में संपादन की अद्भुत लेखन क्षमता अद्वितीय है I

आपकी विद्वता, सहजता, सरलता, आत्मविश्वस्नियता तथा सफल जीवन जीने की कला हम सभी के लिए अनुकरणीय है I

साहित्याकाश में आपके गीत, गजल, लेख , ओजस्वी वाणी और आपके अधरों की मधुर मुस्कान सूरज, चाँद और सितारों की तरह सदैव आलोकित रहें I

चंद्रा साहित्य परिषद (ट्रस्ट) की ओर से आपके, उत्तम स्वास्थ्य के साथ उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामनायें हैं I

हमें पूर्ण विश्वास है कि आप पूर्ववत चंद्रा साहित्य परिषद (ट्रस्ट) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहेंगे।

कवि इंजी.राम नरेश “नरेश”

राष्ट्रीय अध्यक्ष

चंद्रा साहित्य परिषद (ट्रस्ट) 

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