
वाराणसी। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली लमही स्थित प्रेमचंद मार्गदर्शन की ओर से सुनो मैं प्रेमचंद’ कार्यक्रम के 1756वें दिवस पर प्रेमचंद की व्यंग्यात्मक कहानी कानूनी कुमार का पाठ किया गया। कहानी का प्रभावपूर्ण पाठ प्रसिद्ध कवि डॉ. अशोक कुमार सिंह ने किया। मुख्य वक्ता प्रो. श्रद्धानंद ने कहा कि प्रेमचंद अपनी कहानियों में हँसी के माध्यम से समाज की कुरीतियों पर तीखा प्रहार करते हैं। कानूनी कुमार कहानी कानून के दुरुपयोग और आमजन पर उसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव को व्यंग्य के जरिए उजागर करती है। डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहानी के पात्र ‘कानूनी कुमार’ को ऐसा युवक बताया जो कानून की खामियों का लाभ उठाकर लोगों को डराता-धमकाता है, जबकि स्वयं कानून का वास्तविक ज्ञान नहीं रखता। इस अवसर पर डॉ. अशोक कुमार सिंह को प्रो. श्रद्धानंद, प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव, राजीव गोंड ने सम्मानित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार बुद्धदेव तिवारी, डॉ. वाचस्पति, सूर्यदीप कुशवाहा आदि थे। संचालन प्रांजल श्रीवास्तव और स्वागत राहुल यादव ने किया।
