वाराणसी।गुरुवार को वाराणसी के हरिश्चन्द्र घाट पर अघोर चतुदर्शी समारोह के पावन पर्व पर परमपूज्य अवधूत श्रेष्ठ बाबा कीनाराम जी की 424वी जयंती के अवसर पर सामाजिक व साहित्यिक संस्था नादान परिंदे साहित्य मंच के संस्थापक /अध्यक्ष काशीरत्न डॉ सुभाष चंद्र के नेतृत्व में संस्था के सदस्यों के साथ महाकाल के उपासक कपाली बाबा महाराज को माला पहनकर वह अंग वस्त्रम ओढ़ाकर आशीर्वाद लिया व हरिशचंद्र घाट स्थित माहा शमशान महाकाल का विधिवत पूजन अर्चन कर सभी के मंगल की कामना की।

डॉ सुभाष चंद्र ने बताया कि काशी वैसे ही महादेव की नगरी है अतः वहां महादेव कई गुप्त रूपों में हमेशा से निवास करते रहें हैं ! केवल महदेव की कृपा प्राप्त भक्त ही शिव को उनके गुप्त रूप के बावजूद पहचान लेते हैं और साक्षात् शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने का महा सौभाग्य प्राप्त करते हैं भगवान् शिव के ऐसे ही अवतार माने जाते हैं है बाबा कीनाराम बाबा कीनाराम सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ-साथ अलौकिक शक्तियों का प्रयोग कर गरीब, दुखियों, रोगियों और बहिष्कृत व्यक्तियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझते थे। वे कहा करते थे कि मैं उन सभी मनुष्यों को आदर और प्यार देता हूं जो उपेक्षित हैं और जो अपनी गलतियों को सुधारने के लिए उत्सुक हैं।

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