वाराणसी ।मूलाम्नाय सर्वज्ञपीठ कांची कामकोटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ने गुरुवार को काशी के वैदिक विद्वानों द्वारा आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वेदों के द्वारा ही संपूर्ण मानव जाति का कल्याण निहित है ,वेद ही भारतीय संस्कृति की प्राण शक्ति है | कार्यक्रम संयोजक वैदिक विद्वान के वेंकटरमण घनपाठी ने बताया कि जगतगुरु शंकराचार्य के चातुर्मास्य व्रत संकल्प पूर्ण होने के पश्चात काशी में अनेक स्थानों पर जगद्गुरु शंकराचार्य जी का स्वागत कार्यक्रम किया जा रहा है।इसी क्रम में गुरुवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य वैदिक विद्वान के वेंकटरमण घनपाठी के हनुमान घाट स्थित आवास पर स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।जगतगुरु शंकराचार्य का स्वागत आर शिवकुमार शास्त्री एवं आर शंकर नारायण ने पूर्ण कुंभ देकर किया । इस अवसर पर महिला भक्तो एस अन्नपूर्णी ,अर्चना रमन, राधिका शंकर सहित अनेक श्रद्धालुओं ने जगतगुरु शंकराचार्य की आरती उतारी ।जय जय शंकर ,हर हर शंकर के उद्घोष के साथ जगतगुरु शंकराचार्य का स्वागत किया गया।
स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा की हमारे पूर्वजों द्वारा वेदों का संरक्षण होता आया है जिस परंपरा को हम सभी को वेदों का नियमित अध्ययन करके आगे बढ़ना चाहिए और आने वाली युवा पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति प्रेरित करना चाहिए। जगतगुरु शंकराचार्य ने वैदिक विद्वान के वेंकटरमण घनपाठी को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का सदस्य एवं महर्षि सांदीपनि वेद विद्या संस्थान में मानस सदस्य बनाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया । जगतगुरु शंकराचार्य को अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह, फल फूल आदि भेंटकर सम्मानित किया गया। जगतगुरु शंकराचार्य ने सभी भक्तों को प्रसाद देकर आशीर्वाद प्रदान किया |
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी , कांची मठ के प्रबंधक वीएस सुब्रमण्यम मणि, वी एस चंद्रशेखर, वैदिक विद्वान चंद्रशेखर घनपाठी ,चक्रवर्ती विजय नावड सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे |कार्यक्रम का संचालन के वेंकटरमण घनपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन आर शंकर नारायण ने किया।